Monday, April 23, 2018

मनाऊँगा

तुम जब जब रूठोगी,
मैं तुम्हे मनाऊँगा...
तुम जब जब टूटोगी,
मैं तुम्हे फिर से बनाऊंगा।
जब साथ न देगी सांस मेरा,
तब मैं सो जाऊंगा।।।
यादों मैं रहकर फिर भी,
मैं तुम्हे सताऊंगा।।।।
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Monday, April 2, 2018

सत्यम को मिला सतिया सम्मान

सुनील सत्यम हुए सतिया पुरस्कार से सम्मानित
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सहारनपुर,2अप्रैल
वाणिज्यकर/जीएसटी विभाग सहारनपुर में तैनात असिस्टेंट कमिश्नर सुनील सत्यम को नई दिल्ली के रसियन विज्ञान एवं संस्कृति केंद्र में आयोजित सम्मान समारोह में वर्ष 2018 के सतिया (सोशल एक्टिविस्ट एंड टैलेंटेड इंडियन अवार्ड) पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
दिल्ली के नामी सामाजिक संगठनों द्वारा आयेजित "सतिया सम्मान समारोह" में मिलकर प्रतिवर्ष विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वाले ऊर्जावान एवं रचनात्मक युवा/युवतियों को सतिया सम्मान से सम्मानित किया जाता हैं।इन संगठनों में तत्पर ट्रस्ट,पाटलिपुत्र फाउंडेशन, मौलिक भारत प्रकाशन आदि शामिल है।
दर्शकों से खचाखच भरे आडिटोरियम में सहारनपुर में वाणिज्यकर विभाग में तैनात असिस्टेंट कमिश्नर सुनील सत्यम, देश की प्रथम दिव्यांग आईएएस इरा सिंघल, मिस इंडिया अर्थ श्वेता चौधरी, प्रसिद्द हास्य फ़िल्म कलाकार जूनियर महमूद एवं अभाविप के सहारनपुर विभाग प्रमुख राजेन्द्र राष्ट्रवादी को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू द्वारा 2018 के राष्ट्रीय सतिया पुरस्कार से सम्मानित किया गया।सुनील सत्यम को पर्यावरण जागरूकता, एवं रचनात्मक लेखन के लिए यह सम्मान दिया जाएगा।दो दशकों से सुनील सत्यम पर्यावरण संरक्षण एवं जागरूकता के लिए अपने एनजीओ के माध्यम से कार्यरत हैं।इस समय वह तालाबों के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने में लगे हैं।
हाल ही में सुनील सत्यम को नेशनल ग्रीन अवार्ड 2017 से भी सम्मानित किया जा चुका है।पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए सुनील सत्यम ने कहा कि वह हमेशा अधिकतम ऊर्जा के साथ पर्यावरण जागरूकता एवं संरक्षण के लिए कार्य करते रहेंगे।उन्होंने वृक्षारोपण की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि वृक्षों की मानव जीवन मे महत्ता का इस बात से पता चलता है कि हर मजहब में अंतिम संस्कार तक लकड़ी की आवश्यकता होती है।पुरस्कार मिलने से कार्यकर्ता की रचनात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है।
सहारनपुर से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभाग संगठन मंत्री राजेन्द्र राष्ट्रवादी को भी सतिया सम्मान 2018 से सम्मानित किया गया है।वह विगत 9 वर्षों से पूर्णकालिक रहकर अभाविप के माध्यम से छात्रों एवं किसानों के बीच कार्यरत हैं।